टिप्पणी प्राप्त करने के छ:अनुभूत मन्त्र
चिट्ठाकारी में टिप्पणी श्वास के समान हें । ब्लागर टिप्पणी प्राप्त कर गुदगुदाता है। सार्थक टिप्पणी सबको अच्छी लगती है। यह हमारे ब्लाग की जीत होती है। इसका मतलब है कि लोग हमे पढ़ते है, हम अच्छा लिखते है। अतः टिप्पणी पसंद की जाती है। टिप्पणी प्राप्त करने हेतु छ:अनुभूत मन्त्र निम्न प्रकार है जिनका प्रयोग करने से आपके टिप्पणिया की संख्या बढ़ सकती है।
1 रूचिकर विषय वस्तु
चिट्ठाकारी में विषयवस्तु राजा के समान हें । आपकी विषय वस्तु सामयिक व अच्छी, समर्थ व उपयोगी हो , जो आम पाठक के मन की हो तो पाठक उस पर प्रतिक्रिया किये बिना रह नही सकता है। जब पाठक को पढने मेे रस आयेगा तो उसकी सोच उस पर बनेगी। जब सोच मे भिन्नता होगी तो वह टिप्पणी के रूप मे अपने विचाार जरूर प्रकट करेगा। इस तरह अच्छा एवं रूचिकर विषय होने से टिप्पणी प्राप्त हो सकती है।
2 टिप्पणी खुले मन से दे
देने में कंजूसी व आलस्य न करे।भाई समीरलाल जी को आदर्श बनाये । किसी मित्र ने लिखा है कि टिप्पणी करना शादी में लिफाफा देने के समान है। टिप्पणी करने में हर्ज नहीं हैं परन्तु अपने ब्लाॅग पर ट्राफिक लाने टिप्पणी करना ठीक है क्या ? टिप्पणी कर टिप्पणी पाना क्या पत्नी को रानी कह कर स्वयं राजा बनना नहीं है? क्या यह नैतिक दृष्टि से सहीं है या नहीं कहना कटिन है। लकिन टिप्पणिया करने से टिप्पणिया अधिक प्राप्त होती है । अतः दुसरो के चिट्ठे पर जम कर टिप्पणी करे।एक मित्र के अनुसार इससे संवाद होता है एवं परिचय बढता है। नैतिकता अनैतिकता के विवाह में उलझना यहाॅ ठीक नहीं मानता हुँ।
3 टिप्पणी मांगे
अपने चिट्टे के अन्त मे पाठको से टिप्पणी प्राप्त करने हेतु आग्रह करे। जैसा कि बिना मागें माँ भी भोजन नहीं परोसती है। इससे पाठक टिप्पणी करना पसंद करेगा। अपनी पोस्ट के अंन्त मे लिखे श् एक टिप्पणी दे। श्
4 प्रश्न पुछे
अपने ब्लाग को विचारोत्तेजक बनाकर कुछ प्रशन पुछे। पाठक अपने विचार रखने को बाध्य होगे जिससे आपको टिप्पणी प्राप्त हो जाएगी।विवादास्पद लिखे जिससे टिप्पणीया मिलेगी।
5 प्राप्त टिप्पणी का जवाब दे
टिप्पणीकार जवाब पा कर अगली बार टिप्पणी करेगा। अतः प्राप्त टिप्पणियो का जवाब दे।
6आलेख का अन्त खुला रखे
अपने आलेख को निश्चित शब्दो मे अन्त न करे। उपसंहार स्पष्ट रूप से पूरा न करे। इससे पाठक पूरा करने के क्रम मे टिप्पणी देंगे।
बढिया आलेख है .. इसमें टिप्पणी पाने के अच्छे नुस्खे हैं !!
बेहतर आलेख । वैसे टिप्पणी का शास्त्र अभी भी अबूझा ही रहा ।
आपका तीसरा सुझाव भीख मांगना जैसा है…. इससे गुरेज़ करे तो ही बेहतर। बिना मांगे मिलने वाली टिप्पणी ही असल समीक्षा होगी अपने ब्लाग की॥
अन्य विचार सुलझे हुए हैं- बधाई।
अजमाते हैं, शायद कुछ और टिप्पणियाँ मिलें.
इस बहाने आपको तो
टिप्पणियों से नहाने का
मौका मिल रहा है।
aisa hae kya ,bhai sb.abhari hoo
.
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.
अच्छे गुर बताये आपने…
चलें, आजमाकर देखा जाये
अच्छी जानकारी ..एक टिपण्णी यहाँ लिख कर भी देखते हैं ..!!
इस लेख पर टिप्पणी की ही जानी चाहिए ! तथास्तु !
आपके फोर्मुले को अजमा लेते है शायद कुछ काम कर जाऍ
आभा♥♥♥♥♥♥र
ताऊ का पहला ग्रहाक पहुचा अपना प्लोट लेने चन्द्रमा पर- देखे कोन है ?
Mumbai Tiger
हे! प्रभु यह तेरापन्थ
Improve your Hindi spellings.
ये सुझाव कम से कम आपके लिए तो कारगर साबित ही हुए।
ह ह हा।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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