एक ही समय में हजारों व्यक्ति पैदा होते है जिनका भविष्य अलग-अलग कैसे होता है। एक हवाई दुर्घटना में सैकड़ों आदमी सभी ग्रह दशा के कैसे मारे जाते है। भूकम्प आने पर लाखों लोग कैसे बेघर हो जाते है। क्या तत्समय सभी ग्रह दशा खराब थी। एक मल्टी स्टोरी बिल्ंिडग में आग लगने पर अनेक लोग कैसे एक साथ मर जाते है।
ज्योतिष विद्या के आधर पर भविष्य में घटने वाली घटनाओं को बताना गौरख धन्धा है। फलित ज्योतिष विवादित है। ज्योतिष की गणनाएँ सही है। लेकिन इसके आधार पर भविष्य बताना अनुमान विज्ञान है। सामान्यीकरण है। तर्क संगत नहीं है। दूर बैठा ग्रह एक-एक व्यक्ति को कैसे अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है। ज्योतिष के आधार पर भविष्य बताना पांखड है। मानवीय कमजोरी को भूनाने का यह एक व्यवसाय है। कुंडली मिलान के आधार पर हुए विवाह भी असफल होते है।
ज्योतिष विद्या को मानना मनुष्य की एक कमजोरी है। मनुष्य अन्धविश्वासों की जकड़न में है, आजाद व्यक्ति नहीं है, कर्मकाण्डी है। वह स्वतन्त्र सोचता नहीं है। वह परम्पराओं का पालन कर्ता है। मनुष्य जन्म से भयभीत है, जातिवाद व अन्य विकृत्तियाँ को समझता नहीं है। यह सब उसकी मानसिक कमजोरी है।
वाह!
बहुत ही उम्दा विचार है ‘ भविश्य बता पाना मुश्किल है ‘ केवल अनुमान ही लगाया जा सकता है ‘ वर्तमान की अवस्था को ध्यान में रखकर भविश्य बेहतर बनाने के लिए कुछ उपाय बताया जा सकता है, जिससे पूजापाठ के जरिए सुप्रिम पावर से आशीर्वाद पाया जा सकता है ‘
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