शिक्षान्तर का अलिखित संविधान जिन पर आधारित हैं

शिक्षान्तरः एक जीवन आन्दोलन
  • सरकार, बाजार एवं मीडिया जैसी व्यवस्थाओं से हमारी कोई माँग नहीं है।
  • हम किसी व्यक्तिवादी सोच का अनुकरण नहीं करते। हम सबके साथ खुले रुप से विचार बाँटने एवं संवाद को तैयार है।
  • हमारा कोई प्रतिद्धन्द्धी नहीं है। हम किसी प्रकार की हार-जीत या प्रतिस्पद्र्धा मंे विष्वास नहीं करते।
  • हमारा कोई बना-बनाया रास्ता नहीं है। सब आपसी समझ के साथ अपने जीवन में नए प्रयोग करते हैै।
  • हम विचार और प्रक्रिया को अलग नहीं मानते, बल्कि एक-दूसरे के पूरक के रुप में देखते है।
  • हमारा कोई लीडर या प्रतिनिधि नहीं है।
  • हम हर व्यक्ति की क्षमता व योग्यता में पूर्ण विष्वास करते है।
  • भीड़ एकत्रित करने के बजाय लोगों से रिष्ते बनाना हमारे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है।
  • हमारी सीखने की प्रक्रिया में गलतियों का महत्वपूर्ण स्थान है।
  • हम सरकार, उद्योगपतियों एवं किसी संस्था से कोई अनुदान नहीं लेते।व्यक्तिगत रुप से किसी भी प्रकार के सहयोग का हम स्वागत करते है।
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3 विचार “शिक्षान्तर का अलिखित संविधान जिन पर आधारित हैं&rdquo पर;

  1. नमस्ते,

    आपका बलोग पढकर अच्चा लगा । आपके चिट्ठों को इंडलि में शामिल करने से अन्य कयी चिट्ठाकारों के सम्पर्क में आने की सम्भावना ज़्यादा हैं । एक बार इंडलि देखने से आपको भी यकीन हो जायेगा ।

  2. पिंगबैक: सभ्य कैसे बने : सभ्य और असभ्य व्यक्ति में क्या अन्तर होता है ? « उठो! जागो!

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